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Showing posts from March, 2010
धूम्रपान: कुछ सनसनीखेज तथ्य
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जानकारी . योगेश कुमार गोयल (मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स) ’ विश्वभर में इस समय एक अरब से भी अधिक व्यक्ति धूम्रपान करते हैं जो प्रतिवर्ष 5000 करोड़ से अधिक सिगरेटें फूंक डालते हैं। ’ सिगरेटों के बजाय भारत में बीड़ियों का प्रचलन अत्यधिक बढ़ा है और ऐसा अनुमान है कि देश में प्रतिवर्ष करीब सौ अरब रुपये मूल्य की बीड़ियों का सेवन किया जाता है। ’ विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एशिया में 1988 से 1996 के बीच सिगरेटों की खपत में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई और भारत में इस दौरान यह वृद्धि 19 प्रतिशत दर्ज की गई। ’ भारत में प्रतिवर्ष लगभग 53 करोड़ किलोग्राम तम्बाकू का उत्पादन होता है, जिसमें से 35 करोड़ कि.ग्रा. का उपयोग सिगरेट बनाने में तथा 15 करोड़ कि.ग्रा. का उपयोग बीड़ी बनाने में किया जाता है। ’ भारत में प्रतिदिन 2.1 प्रतिशत की दर से धूम्रपान करने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है और प्रतिदिन 5000 स्कूली छात्र एवं आवारा बच्चे धूम्रपान करने वालों में शामिल हो रहे हैं। ’ भारत में प्रतिदिन 3000 से भी अधिक व्यक्तियों की मृत्यु तम्बाकू जनित बीमारियों के कारण हो रही हैं, जिनमें से 300 व्यक्ति ऐसे होते हैं, जो स्
अगर खरीदें पुराना कम्प्यूटर
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परामर्श . योगेश कुमार गोयल (मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स) प्रायः वो लोग, जिन्हें प्रोफैशनल कार्य के लिए कम्प्यूटर की आवश्यकता नहीं होती पर कुछ अन्य कार्यों के लिए कम्प्यूटर खरीदना चाहते हैं, वे अक्सर पुराने कम्प्यूटर की तलाश में रहते हैं क्योंकि नए कम्प्यूटर के मुकाबले यह उन्हें काफी कम मूल्य में उपलब्ध हो जाता है लेकिन आप भले ही किसी भी उद्देश्य से पुराना कम्प्यूटर खरीद रहे हों, कम्प्यूटर खरीदते समय आपको कम्प्यूटर की क्वालिटी और उसकी कार्यक्षमता के बारे में कई अहम बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि इस मामले में थोड़ी सी लापरवाही बरतने के कारण आपको बाद में अपने निर्णय को लेकर कोई पछतावा हो और ऐसा लगे कि आपके साथ धोखा हुआ है। इसलिए यदि आप पुराना कम्प्यूटर खरीद रहे हैं तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें:- ’ पुराना कम्प्यूटर खरीदने से पहले एक सूची बना लें, जिसमें उन सब चीजों का विवरण लिख लें, जो-जो आप अपने कम्प्यूटर में चाहते हैं। ’ कम्प्यूटर खरीदते समय सबसे पहले यह जान लेना आपके लिए बहुत जरूरी है कि जो कम्प्यूटर आप खरीद रहे हैं, वह कितना पुराना है, वह अभी वारंटी अथवा गारंटी
जीव जंतुओं की अनोखी दुनिया-44
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सबसे उग्र मछली ‘ब्लू फिश’ भूमध्य रेखा से कर्क रेखा तथा मकर रेखा के निकटवर्ती समुद्रों में पाई जाने वाली शारीरिक रूप से बलिष्ठ ‘ब्लू फिश’ दुनिया की सबसे उग्र मछली मानी जाती है। इस मछली के शंक्वाकार दांत बेहद नुकीले और मजबूत होते हैं। गहरे समुद्र में विशाल समूहों में रहने वाली ये मछलियां अन्य मछलियों तथा समुद्रफेनी का भोजन करती हैं। ये कितनी खतरनाक और उग्र प्रवृत्ति की मछलियां हैं, इसका अनुमान आप इसी से लगा सकते हैं कि गहरे पानी के भीतर ये छोटी मछलियों के समूहों पर इस प्रकार धावा बोलती हैं कि उनके पूरे-पूरे समूह का नामोनिशान तक मिट जाता है और वहां बच जाता है उन मछलियों के पूरे समूह की हड्डियों का ढ़ेर। हर साल ये ब्लूफिश करीब सवा अरब मछलियों को अपना भोजन बना डालती हैं। मछुआरे इन मछलियों को हर साल बहुत बड़ी तादाद में पकड़ते हैं किन्तु कई बार ये मछलियां अपने नुकीले तेज दांतों से मछुआरे के जाल को भी काट डालती हैं। ब्लूफिश प्रायः अमेरिका के तटवर्ती क्षेत्रों में तो बहुतायत मेें पाई जाती हैं, जो विशाल समूहों में गहरे समुद्र में रहती हैं और केवल गर्मियों में ही तटीय क्षेत्रों के छिछले पानी में आ
जीव जंतुओं की अनोखी दुनिया-43
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विश्व की सबसे महंगी मछली ‘बेलूगा’ दुनियाभर में गहरे साफ पानी में पाई जाने वाली व्हेल प्रजाति की एक विशेष प्रकार की मछली है ‘बेलूगा’, जो विश्व की सबसे कीमती मछली मानी जाती है। दरअसल करीब पांच मीटर लंबी और औसतन डेढ़ टन से भी अधिक वजनी यह मछली भोजन के स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में दुनियाभर में खाई जाने वाली सबसे महंगी मछली है। इस मछली से विविध प्रकार के व्यंजन बनाने के लिए इसे साधारण पानी से ही नहीं धोया जाता बल्कि इसे धोने के लिए शराब अथवा सिरके का प्रयोग किया जाता है और उसके बाद इसे सुखाकर इस पर नमक लगाया जाता है। इसके अण्डों से तो एक बहुत ही स्वादिष्ट व्यंजन बनाया जाता है, जो ‘कैवियार’ के नाम से जाना जाता है। इसी व्यंजन के लिए अण्डे प्राप्त करने के लिए ही कुछ समय पूर्व तक बड़ी तादाद में बेलूगा मछलियों को मारा जाता रहा है क्योंकि एक बेलूगा मछली के शरीर में करीब 150 किलोग्राम तक अण्डे होते हैं और यही वजह रही कि यह अनोखी मछली ऐसे जीवों की श्रेणी में पहुंच गई, जिन पर विलुप्तता का खतरा मंडरा रहा है लेकिन अब इस अद्भुत प्रजाति की मछली को मछली फार्मों में बड़ी तादाद में पाला जा रहा है और इससे अण्ड
जीव-जंतुओं की अनोखी दुनिया - 42
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चींटियों की रहस्यमयी दुनिया . योगेश कुमार गोयल (मीडिया केयर नेटवर्क) चींटियां सम्पूर्ण विश्व में पाई जाती हैं, फिर चाहे हमारे रिहायशी स्थान होें, समतल भूमि हो या नदी-घाटियां, ऊंचे-ऊंचे दुर्गम पहाड़, वर्षा वन या तपते रेगिस्तान। हां, अलग-अलग स्थान पर इनकी अलग-अलग प्रजातियां अवश्य देखने को मिल जाती हैं। विश्वभर में चींटियों की अब तक 9 हजार से भी अधिक प्रजातियों की खोज की जा चुकी है। धरती पर इनकी संख्या कितनी ज्यादा है, इस बारे में जानकर तो आप चैंक ही उठेंगे। जीव विज्ञानी बताते हैं कि हर इंसान के पीछे करीब 10 लाख चींटियां हैं। अब आप स्वयं अनुमान लगा सकते हैं कि दुनियाभर में चींटियों की तादाद कितनी है। इनकी संचार व्यवस्था तो बेहद जटिल होती है और इनका संदेश देने का तरीका बहुत निराला। संदेश देने के लिए ये अपने एंटीना को आपस में मिलाती हैं, जिनसे रासायनिक द्रव्यों का आदान-प्रदान होता है और इन्हीं रसायनों के जरिये एक-दूसरे तक संदेश पहुंचाया जाता है। संदेशों के आदान-प्रदान के लिए ही हर चींटी के सिर पर दो एंटीना होते हैं। चींटियों की शारीरिक संरचना भी कमाल की होती है। इनकी कमर बेहद पतली और नाजुक
सक्सेस मंत्र
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परीक्षा से भय कैसा! . योगेश कुमार गोयल (मीडिया केयर नेटवर्क) प्रायः जनवरी-फरवरी माह में छात्र-छात्राएं खेलकूद व मौजमस्ती छोड़कर अपनी वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी में जुट जाते हैं। बहुत से छात्रों को तो वार्षिक परीक्षा के नाम से ही कड़ाके की ठंड में भी पसीने छूटने लगते हैं। दरअसल यही वह समय होता है, जब उनकी सालभर की पढ़ाई का मूल्यांकन होना होता है, इसी परीक्षा की बदौलत उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए आधार मिलता है। हर साल फरवरी-मार्च के महीने में 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं होती हैं। कुछ छात्र तो इन परीक्षाओं की तैयारी में रात-दिन इस कदर जुट जाते हैं कि उन्हें खाने-पीने तक की सुध नहीं रहती। कई बार तो स्थिति यह हो जाती है कि खानपान के मामले में निरंतर लापरवाही बरतने के कारण स्वास्थ्य गिरता जाता है, जिसका सीधा प्रभाव उनकी स्मरण शक्ति पर पड़ता है और नतीजा, परीक्षा की भरपूर तैयारी के बावजूद उन्हें आशातीत सफलता नहीं मिल पाती। विशाल शर्मा के साथ भी 12वीं की परीक्षा में यही हुआ। विशाल बहुत होनहार छात्र था और पूरे जोर-शोर से परीक्षा की तैयारी में जुटा था। पढ़ाई में वह इस कदर मग्न था कि उसे खाने-पीने
जीव-जंतुओं की अनोखी दुनिया-41
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जीव-जंतुओं की अनोखी दुनिया . योगेश कुमार गोयल (मीडिया केयर नेटवर्क) घोंघा, जिसके पेट की नस में भरा होता है खतरनाक जहर घोंघे के बारे में तो आपने अपने स्कूली दिनों में अपनी पाठ्य पुस्तकों में अवश्य पढ़ा ही होगा लेकिन शायद आप नहीं जानते हों कि घोंघों की एक प्रजाति तो बहुत ही जहरीली होती है, जो अपने शिकार के शरीर में अपना खतरनाक जहर प्रविष्ट कराकर उसके दिल की धड़कन बंद कर देती है, जिससे कुछ ही पलों में शिकार मौत की नींद सो जाता है। हिन्द व प्रशांत महासागर के तटीय इलाकों में पाई जाने वाली घोंघों की यह प्रजाति हालांकि देखने में बहुत सुंदर और आकर्षक होती है लेकिन इसकी फितरत बहुत खतरनाक होती है। अपनी प्यारी बनावट और लुभावने व आकर्षक अंदाजों से जाने जाने वाले गैस्ट्रोपैड परिवार से संबंधित इन जहरीले घोंघों के पेट की नस में एक बहुत ही खतरनाक तरह का विष भरा होता है। इसी विष को ये घोंघे अपने शिकार के शरीर में एक बर्छी की तरह घुसा देते हैं। उस समय तो शिकार को बस यही अहसास होता है मानो उसके शरीर में कोई छोटी सी सुई चुभी हो किन्तु जहर के प्रभाव से कुछ ही पलों में उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है औ
अत्यंत उपयोगी सूचना
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लेखक/पत्रकार तथा हिन्दी के समाचारपत्र/पत्रिकाओं के लिए उपयोगी सूचना देश की हिन्दी भाषी प्रतिष्ठित समाचार-फीचर एजेंसियों ‘मीडिया केयर नेटवर्क’, ‘मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स’ तथा ‘मीडिया केयर न्यूज’ को राष्ट्रीय एवं राज्यों की गतिविधियों पर राजनीतिक विश्लेषणात्मक लेख/रिपोर्ट, सामयिक, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय चर्चा, फिल्म गाॅसिप, फिल्म आलेख एवं इंटरव्यू, खेल, व्यंग्य, स्वास्थ्य, घर परिवार, सौन्दर्य, फैशन, हैल्थ टिप्स, ब्यूटी टिप्स, होम टिप्स, कुकिंग टिप्स, व्यंजन विधियां, महिला जगत, युवा जगत, बाल कहानियां, बालोपयोगी रचनाएं, रोचक जानकारियां, रहस्य-रोमांच, विचित्र परम्पराएं, महत्वपूर्ण दिवस, तीज-त्यौहारों एवं विशेष अवसरों पर लेख, कैरियर इत्यादि विषयों पर स्तरीय, मालिक एवं अप्रकाशित रचनाओं की सदैव आवश्यकता रहती है। रचनाएं ई-मेल द्वारा भी हिन्दी फोंट में भेज सकते हैं। हिन्दी के समाचारपत्र/पत्रिकाएं भी ‘मीडिया केयर समूह’ की उपरोक्त तीनों एजेंसियों की सेवाएं लेने के लिए हमसे इस पते पर सम्पर्क कर सकते हैं:- योगेश कुमार गोयल समूह सम्पादक मीडिया केयर ग्रुप मेन बाजार बादली, जिला झज्जर (हरियाणा)-1
मुरादाबाद में ‘श्री वीरेन्द्र गुप्त साहित्य-रत्न सम्मान-2008’ प्राप्त करते श्री योगेश कुमार गोयल
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मुरादाबाद में पत्रकारों एवं साहित्यकारों को सम्बोधित करते वरिष्ठ पत्रकार श्री योगेश कुमार गोयल
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श्री योगेश कुमार गोयल की पुस्तक ‘‘जीव-जंतुओं की अनोखी दुनिया’’ का लोकार्पण करती हरियाणा साहित्य अकादमी की निदेशक डा. मुक्ता मदान
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श्री योगेश कुमार गोयल की बहुचर्चित पुस्तक ‘‘तीखे तेवर’’ का लोकार्पण करते राजस्थान पुलिस में डी.आई.जी. श्री हरिराम मीणा तथा अन्य
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श्री योगेश कुमार गोयल को सम्मानित करती हरियाणा साहित्य अकादमी की निदेशक डा. मुक्ता मदान व पूर्व निदेशक डा. चंद्र त्रिखा
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‘स्व. सुरेश चन्द्र शर्मा स्मृति अनुराग साहित्य सम्मान-2009’ प्राप्त करते श्री योगेश कुमार गोयल
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तीखे तेवर
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पुस्तक समीक्षा सामाजिक अपघातों को बेनकाब करने का सार्थक प्रयास है योगेश कुमार गोयल की ‘तीखे तेवर’ पुस्तक: तीखे तेवर लेखक: योगेश कुमार गोयल पृष्ठ संख्या: 160 मूल्य: 150 रुपये संस्करण: 2009 (सजिल्द) प्रकाशक: मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स, मेन बाजार, बादली, जिला झज्जर (हरियाणा)-124105. ‘तीखे तेवर’ हरियाणा के प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री योगेश कुमार गोयल की एक महत्वपूर्ण साहित्यिक कृति है, जिसमें सामाजिक अपघातों के विरूद्ध न केवल जोरदार आवाज लेखक ने उठाई है अपितु ऐसा करने वालों को अपने लेखों के माध्यम से कठोर चेतावनी भी दी है। इस कृति में योगेश कुमार गोयल के कुल 25 आलेखों को संजोया गया है, जिनमें साम्प्रदायिक एवं जातीय प्रदूषण, न्याय व्यवस्था की कछुआ चाल और हास्यास्पद निर्णय, बोरवैलों में गिरकर होने वाली नवजातों की अकाल मृत्यु, सिसकते बचपन, बालश्रम, पुलिस का नंगा नाच, असुरक्षा और आतंक का फैलता सुरसा गात, शिक्षण संस्थानों में रैगिंग का दंश, पेय पदार्थों में घुली विष भरी मृत्यु, एड्स की संक्रामकता, धार्मिक अंधविश्वासों का फैलता जाल, ‘रियलिटी शो’ का क्रूर मजाक, शोर प्रदूषण, जल प
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पुस्तक समीक्षा सच में ‘अनोखी’ है ‘जीव-जंतुओं की अनोखी दुनिया’ . डा. प्रवीण खुराना (पी.एच.डी.), वरिष्ठ पत्रकार, हरियाणा सम्पादक: हरियाणा एजुकेशन न्यूज, ब्यूरो चीफ: इंडिया न्यूज हरियाणा पेड़-पौधे और जीव-जंतु भी हमारे जीवन का एक ऐसा हिस्सा हैं, जिनके बिना सामाजिक परिवेश अधूरा सा है। यह बात अब लोगों को समझ में आने भी लगी है, शायद इसी कारण से टी. वी. व पत्र-पत्रिकाओं में जीवों के बारे में आने वाले कार्यक्रमों और लेखों को लोग रूचि लेकर देखते व पढ़ते हैं। जीवों की विचित्र दुनिया तो बच्चों व बड़ों के लिए सदा से कौतूहल भरी रही भी है। इसी कौतूहल और ज्ञान को बढ़ाने में बादली (झज्जर) निवासी जाने-माने युवा कलमकार एवं ‘मीडिया केयर नेटवर्क’, ‘मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स’ तथा ‘मीडिया केयर न्यूज’ के सम्पादक योगेश कुमार गोयल ने सच में एक अनोखी कृति की रचना की है, जिसका नाम भी उन्होंने ‘जीव-जंतुओं की अनोखी दुनिया’ ही रखा है। हमारे समाज में यह तो प्रचलित रहा है कि सृष्टि में 84 लाख योनियों के बाद मानव जीवन मिलता है मगर जब हम योनियों की गिनती करते हैं तो ये पचास-सौ पर ही खत्म हो जाती हैं किन्तु जीवों की योनियो
विशेष लेख
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इंसानी रिश्तों को शर्मसार करते पंचायती फैसले तार-तार होती रिश्तों की गरिमा . योगेश कुमार गोयल हरियाणा में जातिगत पंचायतें समाज की भलाई या सामाजिक समस्याओं के निवारण के कार्यों के लिए नहीं बल्कि समाज को बांटने, बसे-बसाये घरों को तोड़ने और गोत्र के नाम पर मौत के फरमान सुनाने जैसे बर्बर एवं घृणित कार्यों के लिए अधिक चर्चा में रही हैं। अब एक बार फिर ये पंचायतें अपने तानाशाही एवं अमानवीय रवैये और तालिबानी फतवों को लेकर चर्चा में हैं। बीते दिनों सिर्फ एक सप्ताह के अंदर ही एक-एक कर ऐसे ही कई मामले सामने आए, जिन्होंने तालिबानी हुकूमत की यादें ताजा कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 30 जनवरी 2010 को रोहतक जिले के गांव खेड़ी में दो साल से भी अधिक समय से खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे एक दम्पत्ति को पंचायत द्वारा भाई-बहन बनाए जाने का फरमान सुनाया गया जबकि उसके महज दो ही दिन बाद 1 फरवरी को नारनौंद क्षेत्र के गांव खांडा-खेड़ी में एक नवविवाहित दम्पत्ति सहित पूरी बारात को ही न तो गांव में घुसने दिया गया, साथ ही नवविवाहित दम्पत्ति को जान से मारने की धमकी भी दी गई। इसी प्रकार 3 फरवरी को जींद जिले के बूढ़ाखेड़ा गांव
कितनी सार्थक होगी पाकिस्तान से बातचीत की प्रक्रिया?
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खरी खोटी कितनी सार्थक होगी पाकिस्तान से बातचीत की प्रक्रिया? . योगेश कुमार गोयल नवम्बर 2008 के मुम्बई हमले के बाद भारत-पाक के रिश्तों में जो खटास उत्पन्न हुआ था, उस कारण दोनों देशों के बीच वार्ताओं का सिलसिला पूरी तरह से बंद था और भारत द्वारा बार-बार स्पष्ट रूप से यही कहा गया था कि जब तक पाकिस्तान मुम्बई हमलों के जिम्मेदार पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी गिरोहों के नेताओं को सजा नहीं देता तथा अपने वहां फैले भारत विरोधी आतंकी नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने के लिए ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक दोनों देशों के बीच कोई बातचीत शुरू नहीं हो सकती लेकिन अति उत्साह से सराबोर भारत सरकार द्वारा अपने ही बयानों से पलटी मारते हुए पाकिस्तान की निरन्तर वादाखिलाफी के बावजूद पिछले दिनों जिस प्रकार पाकिस्तान के साथ बातचीत की पेशकश की गई, उससे हर किसी का हतप्रभ होना स्वाभाविक ही है। यह बड़े हैरत की ही बात है कि जहां 26/11 के मुम्बई हमले के बाद भारत सरकार अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की पोल खोलने और उसे पूरी दुनिया में अलग-थलग करने में सफल हुई थी, वहीं उसने अब न केवल अपनी उसी रणनीति को पूरी तरह पलट दिया है बल
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लेखक/पत्रकार तथा हिन्दी के समाचारपत्र/पत्रिकाओं के लिए उपयोगी सूचना देश की हिन्दी भाषी प्रतिष्ठित समाचार-फीचर एजेंसियों ‘मीडिया केयर नेटवर्क’, ‘मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स’ तथा ‘मीडिया केयर न्यूज’ को राष्ट्रीय एवं राज्यों की गतिविधियों पर राजनीतिक विश्लेषणात्मक लेख/रिपोर्ट, सामयिक, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय चर्चा, फिल्म गाॅसिप, फिल्म आलेख एवं इंटरव्यू, खेल, व्यंग्य, स्वास्थ्य, घर परिवार, सौन्दर्य, फैशन, हैल्थ टिप्स, ब्यूटी टिप्स, होम टिप्स, कुकिंग टिप्स, व्यंजन विधियां, महिला जगत, युवा जगत, बाल कहानियां, बालोपयोगी रचनाएं, रोचक जानकारियां, रहस्य-रोमांच, विचित्र परम्पराएं, महत्वपूर्ण दिवस, तीज-त्यौहारों एवं विशेष अवसरों पर लेख, कैरियर इत्यादि विषयों पर स्तरीय, मालिक एवं अप्रकाशित रचनाओं की सदैव आवश्यकता रहती है। रचनाएं ई-मेल द्वारा भी हिन्दी फोंट में भेज सकते हैं। हिन्दी के समाचारपत्र/पत्रिकाएं भी ‘मीडिया केयर समूह’ की उपरोक्त तीनों एजेंसियों की सेवाएं लेने के लिए हमसे इस पते पर सम्पर्क कर सकते हैं:- योगेश कुमार गोयल समूह सम्पादक मीडिया केयर ग्रुप मेन बाजार बादली, जिला झज्जर (हरियाणा)-1